। वास्तू मंडल ।

ॐ शिखिने नम:
ॐ पर्जन्याय नमः
ॐ जयंताय नमः
ॐ कुलिशायुधाय नमः
ॐ सूर्याय नमः
ॐ सत्याय नमः
ॐ भृशाय नमः
ॐ आकाशाय नमः
ॐ वायवे नम:
ॐ पूष्णे नम:
ॐ विथताय नम:
ॐ गृहक्षताय नमः
ॐ यमाय नमः
ॐ गंधर्वाय नमः
ॐ भृंगराजाय नमः
ॐ मृगाय नमः
ॐ पितृभ्यो नमः
ॐ दौवारिकाय नमः
ॐ सुग्रीवाय नमः
ॐ पुष्पदन्ताय नमः
ॐ जलधिपाय नमः
ॐ असुराय नमः
ॐ शोषाय नमः
ॐ पापाय नमः
ॐ रोगाय नमः
ॐ अहये नमः
ॐ मुख्याय नमः
ॐ भल्लाटाय नमः
ॐ सोमाय नमः
ॐ सर्पाय नमः
ॐ अदितये नमः
ॐ दितये नमः
ॐ आपाय नमः
ॐ सावित्राय नमः
ॐ जयाय नमः
ॐ रुद्राय नमः
ॐ अर्यम्णे नमः
ॐ सवित्रे नमः
ॐ विवस्वते नमः
ॐ विबुधाधिपाय नमः
ॐ मित्राय नमः
ॐ राजयक्ष्मणे नमः
ॐ पृथ्विधराय नमः
ॐ आपवत्साय नमः
ॐ ब्रह्मणे नमः
ॐ वृषवास्तोष्पतये नमः
ॐ चरक्यै नमः
ॐ विदार्यै नमः
ॐ पूतनायै नमः
ॐ पापराक्षस्यै नमः
ॐ स्कन्दाय नमः
ॐ अर्यम्णे नमः
ॐ जृम्भकाय नमः
ॐ पिलिपिच्छाय नमः
ॐ इन्द्राय नमः
ॐ अग्नये नमः
ॐ यमाय नमः
ॐ निर्ऋतये नमः
ॐ वरुणाय नमः
ॐ वायवे नमः
ॐ सोमाय नमः
ॐ ईशानाय नमः